लघु कथा: अंग्रेजी पाठशाला

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लघु कथाअंग्रेजी पाठशालास्कूल के बाहर मंच सजा हुआ था। अंग्रेजी माध्यम में संचालित एक नवीन सरकारी स्कूल का उदघाटन जो होना था। मंच पर मंत्री महोदय व अन्य गणमान्य नागरिकों के अलावा स्कूल के प्राचार्य भी विराजमान थे। ऐसा कोई वक्ता नहीं था जो इस अंग्रेजी माध्यम के स्कूल की तारीफ में कसीदे न पढ़ […]

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कथा:बंटवारा

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कथा:बंटवारा बलिया में रहने वाले रामबाबू अपने छोटे से परिवार में सुखी थे।पत्नी के अलावा उनका बड़ा बेटा ठेकेदारी करता था वहीं छोटा भी घर घर जाकर ट्यूशन पढ़ाता था। ईश्वर की कृपा से धन दौलत की कोई कमी नहीं थी रामबाबू को। खुद रामबाबू भी अपने किराने की दुकान में ग्राहकों से घिरे रहते […]

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कथा: माइक

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कथा: माइक” देखिए ….. आज की कथा में कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया जाएगा। सभी माता बहिनो से निवेदन है कि शांत भाव से कथा का आनंद लें।” भागवत कथा के पंडाल में सजे मंच से हाथ मे माइक लिए हुए एक व्यक्ति ने घोषणा की। …व्यास गद्दी पे विराजे शास्त्री जी ने […]

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लघुकथा :बिजली

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लघुकथा :बिजली एक जागरूक विपक्षी दल के नेता ने जनता की समस्या सरकार के सामने रखी, उन्होंने निरीह जनता के कष्टों को बयां करते हुए कहा- “हमारे क्षेत्र में जनता में त्राहि त्राहि मची है आजकल आसमान में चमकने वाले सूरज दादा की दादागिरी चल रही है।” “धरती पर आग की लपटों ने जनता का […]

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कहानी-वैध जी

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कहानी-वैध जी वैध रघुवर प्रकाश शास्त्री अपनी छोटी सी ही उम्र में अपने क्षेत्र का ख्यातिनाम चिकित्सक बन गया था। मात्र पच्चीस की ही तो उम्र थी उसकी जब आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में रघुवर ने मास्टर डिग्री हासिल कर ली थी।कसम ली थी कि सारी उम्र आयुर्वेद के नियमों व सिद्धान्तों पर चल कर ही […]

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कथा :प्यार

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“कथा”प्यार “तुम आज फिर आ गए पी के” ….नीरा ने शराब के नशे में धुत्त हसन से चिल्लाते हुए कहा। हसन ने कोई जबाव नही दिया और चुपचाप बिस्तर पर लेट गया। बहुत देर तक बड़बड़ाती रही नीरा, आखिर थक कर चुप हो गयी और बेमन से जैसे तैसे खाना खत्म कर अपने काम मे […]

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कथा : उम्मीद

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कथा:उम्मीद अपने पचासवीं वर्षगांठ की पार्टी के पश्चात हर बार की तरह आज फिर दुखी हो गया प्रेम , इसलिए नहीं कि उसके जीवन का एक महत्वपूर्ण वर्ष और कम हो गया, वरन इसलिए कि जिन साथियों को बुलावा भेजा था वे नही आये। ….हालांकि ऐसा नहीं था कि पार्टी में लोग कम थे या […]

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लघुकथा…भृष्टाचार

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लघुकथा…भृष्टाचारसाहब अपने दफ्तर में अखबार पढ़ रहे थे, दरवाजे पर चपरासी एक टूटे से स्टूल पर बैठा हुआ था तभी अंदर से साहब के जोर जोर से दहाड़ने की आवाज चपरासी के कानों में पड़ी-” मिस्टर तुम्हारे काले कारनामों का पूरा चिट्ठा पढ़ लिया है मैंने.. पूरी जांच भी करा ली है मैंने.. अब तुम्हें […]

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लघु कथा: नेता जी

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लघु कथा नेता जी बुद्धा लाल सत्ताधारी पार्टी के एक नेता थे। सब लोग उन्हें भाई साहब कह कर ही बुलाते थे। हालांकि नेता जी पार्टी में न तो कोई मंत्री पद पर थे और न ही ऊंचे पद पर । पर शहर में उनकी चलती वेहिसाब थी। कई कार्यालयों के कुछ अधिकारी व कर्मचारी […]

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