करवा चौथ उपासी रहनेंजौई सोच खैं मन में ,कौनऊ विपदा न आ पावैकक्का के जीवन में ,एक दिनां पहलें लै आईंपूजा कौ सामान ,कक्का जू सौ साल जिएंऔर सुखी रखें भगवान ,चलनी और माटी कौ करवारोरी और सिंदूर ,दूध दही गंगाजल के संगदीपक और कपूर ,लाल रंग की धोती पहरीचुरियां बिछिया बेंदीपांवन में रच लऔ […]
ठण्ड बढ़ी ज्यादा मौसम ने जब करवट बदलीठण्ड बढी़ ज्यादा,कम्बल ओढ़ के किस कोने मेंदुबके सूरज दादा। नये साल में धीरे धीरेअपना जोर दिखाया,ठिठुरन बढ़ गई और हवा नेअपना रौब जमाया।कोहरा ऐसा लगता जैसेउड़ने लगा बुरादा,कम्बल ओढ़ के किस कोने मेंदुबके सूरज दादा। आलस सा भर जाता है फिरकौन काम पर जावे,बैठे रहें रजाई में […]
सुनहरा दिवस सदियों का संघर्ष हमाराआज फलित हो पाया हैजहां राम ने जन्म लिया थामंदिर वहीं बनाया है।अगणित साधु -संतो नेवीरों ने जीवन होम दियारामकाज हित सर्वस अर्पणएक नहीं कई बार कियातभी सुनहरे आखर मेंइतिहास नया लिख पाया हैजहां राम ने जन्म लिया थामंदिर वहीं बनाया है।कितने युद्ध लड़े हैं हमनेइस शुभ दिन को पाने […]
करवा चौथ स्पेशल : कविता-कक्को करवा चौथ उपासीं करवा चौथ उपासी रहनेंजौई सोच खैं मन में ,कौनऊं विपदा ना आ पावैकक्का के जीवन में ,एक दिनां पहलें लै आईंपूजा कौ सामान ,कक्काजू सौ साल जिएंऔर सुखी रखें भगवान ,चलनी और माटी कौ करवारोरी और सिंदूर ,दूध दही गंगाजल के संगदीपक और कपूर ,लाल रंग की […]
नशा व्यसन को छोडो़ नशा व्यसन के कारण ही बर्बादी आई है,दुनिया तेरी नशा व्यसन ने नरक बनायी है। जिसके कारण सिर नीचा हो जाता है,जो केवल दुख दुविधा ही दे जाता है।जिसने तोड़ा तनमन सहज सलोना सा,चेहरा जिसने किया तुम्हारा रोना सा।कितनी बार बताई तेरी समझ न आई है,दुनिया तेरी नशा व्यसन ने नरक […]
मैं और मेरी कविताएं!!सोचती हूँ जब लिखूँ मैं कविताएं..ह्रदय के सारे स्पंदन लिख दूँदर्द से दोहरती हवा लिख दूँचाँद पर गुजरी व्यथा लिख दूँप्रकृति से कहूँजब कोई बात……..प्रकृति की ही व्यथा कह दूँ…शायद समझ सके,मुझे वह,मौन अपनी व्यथा लिख दूँ।जानती हूँहर रात के बाद एक सबेरा है,औरचल दूँगी उठकरएक नई राह की तलाश मेंसूरज की […]
चेतावनी कुदरत से नाजायज मत कर,छेड़ाखानी रेवरना मिट जायेगी तेरी नाम निशानी रे। आज हिमालय को गुस्साया,मानव ने हरकत करबांध सुरंगों के उसकेसीने में जाले बुनकर भारी पड़ जायेगी मतकर,कारस्तानी रेवरना मिट जायेगी तेरी,नाम निशानी रे। तेरी खुशहाली को उसने,धरा सोंप दी सारीपर तूने अपना घर भरनेखोद खदानें डारीं उसकी मर्यादा से मतकर,खेंचातानी रे।वरना मिट […]
कविता : आजादी का पर्व आजादी का पर्व शान से मिलकर सभी मनाऐंगे,अपने घर घर अमर तिरंगा गर्वित हो फहराएंगे। कठिन दौर से गुजरी होगी सचमुच यही लड़ाई,देखो तो इतिहास कि कैसे यह आजादी पाई।त्याग तपस्या कुर्बानी के गीत गाएं दोहराएंगे,अपने घर घर अमर तिरंगा गर्वित हो फहराएंगे। आजादी के दीवानों ने अपनी जान गंवाई […]
कविता:खत्म होय अन्याय कल्लू बोलौ जुम्मन से किसुन लै जुम्मन भैया ,अब चुनाव में फिर सैं होनेंअपनी पूंछ पुछैया ।बड़े बड़े पेटन के देखोदरवाजिन पै आनै,गलियन के चक्कर काटेंगेएक वोट के लानै ।घर घर आकर वे पूछेंगेसुख दुख का सब हाल ,मछुआरों से आन बिछा हैंजाने कित्ते जाल ।मछली फंसी जाल मेंउसको काटेंगे खाएंगे ,लै […]