करेरा। आर टी सी, करेरा, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल द्वारा हवा का 31वां स्थापना दिवस बहुत ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया l इस आयोजन के दौरान सर्वप्रथम हवा सदस्याओं हेतु भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें समस्त हवा सदस्याओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा वर्तमान में समाज में फैली समस्याओं जैसे कन्या भ्रूण हत्या, संयुक्त परिवार की अवधारणा का टूटना, बच्चों का पालन पोषण – चुनौतियां और समाधान तथा घर से कार्य करना- समाधान आदि जैसे पर विषयों पर महिलाओं द्वारा भाषण दिया गया l
इसके उपरांत हवा सदस्याओं हेतु कुकिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया l इसमें हवा सदस्यों द्वारा घर से तैयार करके विभिन्न प्रकार के व्यंजन, जो की विभिन्न राज्यों की खान पान की संस्कृति को दर्शा रहे थे, लाए गए l उपस्थित सदस्यों ने इनका लुत्फ उठाया l
अपने संक्षिप्त अभिभाषण में श्री सुरिंदर खत्री, उप महानिरीक्षक, आर.टी.सी. द्वारा समस्त हवा सदस्यों को महानिदेशक, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल तथा अपनी तरफ से हवा स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी तथा धन्यवाद देते हुए कहा कि आपके द्वारा आर.टी.सी. करेरा के हवा के विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जाता है यह आर टी सी,करेरा परिवार के लिए बहुत ही खुशी की बात है l मैं आशा करता हूं कि भविष्य में भी आप हवा के किसी भी कार्यक्रम में इसी प्रकार से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे l किसी भी प्रतियोगिता का आयोजन करवाए जाने के पीछे उसका उद्देश्य रहता है कि आप में आत्मविश्वास को और अधिक बढ़ाया
जाए यदि आप इन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं तो निश्चित तौर पर आपका आत्मविश्वास बढ़ता है जो कि आपके आने वाले भविष्य तथा आपके बच्चों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है l
इसके साथ ही बालिका दिवस के उपलक्ष्य पर संदेश श्री सुरिंदर खत्री, उपमहानिरीक्षक, आरटीसी करेरा के दिशा निर्देशन पर तथा डा० प्रमेंद्र कुमार सिंह ,उप सेनानी (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी) एवम् डा मोहिनी आर्या उप सेनानी (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी) के विशेष प्रयासों द्वारा करेरा तहसील में स्थित अमोला गांव में आदिवासी समुदाय के लिए एक विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया l जिसमें लगभग 150 स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य की जांच की गई तथा उन्हें उनकी बीमारियों के अनुरूप दवाइयां का वितरण किया गया l चिकित्सा शिविर के दौरान श्री सुरिंदर खत्री, उपमहानिरीक्षक ने बताया कि इस गांव के अधिकतर आदिवासी बच्चे स्कूलों में पढ़ाई हेतु नहीं जा रहे हैं, जो की चिंता का विषय है तथा इससे इन बच्चों का भविष्य अंधकार में हो सकता है l आज के समय में बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार भी बहुत प्रयासरत है l इसलिए अपने बच्चों को स्कूल भेजें तथा उनका उज्जवल भविष्य बनाएं l यदि उन्हें इस संदर्भ में आईटीबीपी की तरफ से किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो, तो निसंकोच कभी भी हमारे पास आ सकते हैं l हम आपकी हर संभव सहायता करेंगे l इसके लिए स्थानीय लोगों ने संस्थान प्रमुख का आभार जताया l