दिव्यांग स्कूली छात्र छात्राओं की खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित
भितरवार।सरस्वती गार्डन में गुरुवार को शासकीय विद्यालयों के दिव्यांग बच्चों की विकासखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।जिसमें प्रतिभागियों को पुरस्कार दिया गया शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि एसडीएम डीएन सिंह, थाना प्रभारी धवल सिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाकर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया,इस मौके पर बीएमओ डॉ अशोक खरे,एसबीआई मेनेजर नरेश सिंह,बीआरसीसी नरहरि मिश्रा,एपीसी श्रीमती कृष्णा अग्रवाल श्रीमती प्रीति शर्मा, डॉ रजनीश निखारा मंचासीन थे। सर्वप्रथम अतिथियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
मौके पर मुख्य अतिथि एसडीएम डीएन सिंह ने कहा कि दिव्यांग किसी भी मायने में कम नहीं हैं लोग अपनी सोच बदलें और दिव्यांगों के प्रति सकारात्मक सोच अपनायें। उन्होंने कहा कि इंसान में किसी भी प्रकार की दिव्यांगता अगर है तो उसके प्रति समाज के लोग सकारात्मक सोच अपनायें। शासन स्तर से बेहतर संसाधनों के माध्यम से दिव्यांगता को कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है इन बच्चों की खेलकूद प्रतियोगिता के माध्यम से
बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ साथ इनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा।उन्होंने ने कहा कि दिव्यांग निराश न हों, शासन प्रशासन आपके साथ है ।एपीसी श्रीमती कृष्णा अग्रवाल ने कहा कि सरकार दिव्यांगों के विकास के लिए कई योजनाएं है,जिसका फायदा भी उन्हें मिल रहा है। उन्होंने कहा कि
किसी भी क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं, प्रशासन उन्हें हर तरह की सुविधा उपलब्ध करा रहा हैं।
इस अवसर बीएमओ डॉ अशोक खरे ने कहा कि दिव्यांग खुद को दूसरों से कम नहीं समझें,उनमें जो खूबियां हैं वह साधारण इंसान में नहीं होती। दिव्यांग अपने हौसले के बल पर सब कुछ हासिल कर सकते हैं। दिव्यांग होने के बावजूद अपने हौसले के बल पर आम आदमी से बेहतर काम के कई उदाहरण भी हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगो को चाहिए कि वे इच्छा शक्ति को बुलंद रखकर अपनी मंजिल निर्धारित कर उस ओर बढ़ें और खुद को साबित करके समाज के लिए प्रेरणा बनें। दिव्य अंग के कारण ही आपको दिव्यांग शब्द से संबोधित किया जाता है। आप सामान्य मनुष्य से किसी भी सूरत में कम नहीं हैं।इस अवसर पर बीआरसीसी नरहरि मिश्रा ने कहा कि दिव्यांग किसी मायने में किसी से कम नहीं होते। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों पर दया करने या सहानुभूति दिखाने से उनकी भावना आहत होती है। उन्हें सिर्फ सहयोग और समानता चाहिए।
उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां दिव्यांगों ने अपनी कुशलता और काबिलियत से सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग खुद को कभी कमजोर न समझें। उनमें न क्षमता की कमी है और न ही प्रतिभा की।इस अवसर पर महाराज सिंह मौर्य,नरेंद्र भार्गव,मोहन सिंह,प्रमोद जैन, भूषण श्रीवास्तव, रविन्द्र यादव,पंकज दुबे उमेश लक्ष्यकार, शिवकुमार लक्ष्यकार, प्रवीण उपाध्याय,बीएसी सीएसी उपस्थित थे
शिक्षा उपयोगी पुरस्कार पाकर दिव्यांग बच्चों के खिलें चहरे
बीआरसी नरहरि मिश्रा के सराहनीय प्रयासों और शिक्षकों के बेहतरीन प्रबंधन से दिव्यांग बच्चों की खेलकूद प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया जिसमें 47 दिव्यांग बच्चों ने भाग लिया प्रतियोगिता में मेहंदी प्रतियोगिता,रंगोली प्रतियोगिता, चेयर्स रेस, चम्मच रेस,दौड़, सहित अनेक प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को सम्मानित किया गया जिसमें बच्चों को शिक्षा उपयोगी पुरस्कार मिले जिन्हें पाकर बच्चों के चहरे पर मुस्कान साफ झलक रही थी।