एकता पर्व की गतिविधियों में केंद्रीय विद्यालय के 6 प्रतिभागियों के संभाग स्तर के लिए चयन

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करैरा। केंद्रीय विद्यालय आइटीबीपी करैरा के 30 विद्यार्थियों ने संकुल स्तरीय राष्ट्रीय एकता पर्व 2023-24 में भाग लिया, जिसमें एक भारत श्रेष्ठ भारत एवं कला उत्सव से संबंधित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गईं। एक भारत श्रेष्ठ भारत की प्रतियोगिताओं में बच्चों ने मणिपुर राज्य से संबंधित समूह नृत्य एवं समूह गान प्रस्तुत किए एवं मणिपुर से संबंधित कलाकृतियां का निर्माण किया एवं ऑन द स्पॉट पेंटिंग कंपटीशन में भी भाग लिया ।
एक भारत श्रेष्ठ भारत की प्रतियोगिताओं द्वारा भारत की विविध संस्कृतियों एवं परंपराओं की जानकारी बच्चों को प्रदान की जाती है एवं भारत की एकता और संप्रभुता को, बच्चों के दिलों में देशभक्ति की भावना को जगाकर मजबूत किया जाता है ।
दूसरी तरफ, कला उत्सव से संबंधित प्रतियोगिताओं में संगीत एवं कला से संबंधित प्रतियोगिताएं होती हैं, जिसमें शास्त्रीय एवं लोक कलाओं को प्राथमिकता दी जाती है, कला उत्सव के द्वारा भी भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं की महानता को, बच्चों के दिलों दिमाग में बसा दिया जाता है एवं साथ ही बच्चों के अंदर छुपे कलाकार को भी उत्साहित कर, आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। संकुल स्तर पर आयोजित हुए राष्ट्रीय एकता पर्व में जिन बच्चों ने पहला स्थान प्राप्त किया और संभाग स्तरीय प्रतियोगिता के लिए विद्यालय के 6 छात्र छात्राओं का चयन हुआ उनमें से हैं –
1) यशवर्धन ड़ड़ोदिया – बांसुरी वादन
2) आयुष्मान साहू – लोक नृत्य
3) रितिका तिवारी – चित्रकला
4) मयंक साहू – टॉय मेकिंग
5) निशांक शर्मा – एकल नाटक 6) सौम्या सोनी – एकल नाटक शामिल है
यह सभी बच्चे अब, 6 सितंबर 2023 को केंद्रीय विद्यालय क्रमांक – 2 भोपाल में, आयोजित होने वाले, संभाग स्तरीय राष्ट्रीय एकता पर्व में भाग लेने के लिए जाएंगे। प्राचार्य डॉ दर्शन लाल मीना ने इन सभी बच्चों को, बहुत-बहुत बधाई दी एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी चयनित होने के लिए उत्साह बढ़ाते हुए शुभकामनाएं प्रेषित की ।
समस्त विद्यालय परिवार को भी इन बच्चों कि कला पर, पूरा-पूरा विश्वास है, निश्चित ही यह बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होकर, विद्यालय एवं करैरा का नाम रोशन करेंगे।

महिला इम्पोवरमेंट पर ऋतिका की पेंटिंग
चित्रकारी में ऋतिका तिवारी की जिस पेंटिंग का चयन हुआ है वह महिला इंपावरमेंट को लेकर है। इस पेंटिंग में एक महिला को दिखाता गया है

जिसमे वह एक तरफ परंपरा रूढ़ियों में रहकर आंशु वहां रही है घर के अंदर कैद है और काम काज के बोझ के ताले उसका विकास रुका है वही जब वह महिला अपना स्वरूप बदल कर काली का रूप ले लेती है तो वह कुछ भी कर सकती है स्वतंत्रता के प्रतीक कबूतर, किताबो से ज्ञान ,अंतरिक्ष की उड़ान तक कर लेती है। ऋतिका पिछली साल भी इस प्रतियोगिता में संभाग स्तर पर द्वितीय स्थान पर रही थी। ऋतिका तिवारी कहना है कि उसका पूरा प्रयास है कि संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में भी वह बेहतर प्रदर्शन करगी ताकि राष्ट्रीय स्तर पर उसके स्कूल का नाम हो सके।

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