करैरा। 35 वी मध्यप्रदेश बटालियन एनसीसी के कमान अधिकारी कर्नल सुदीप्तो घोष के निर्देशन में वाहिनी की ओर से सूबेदार बलवीर सिंह एवं नायब सूबेदार दिलीप सिंह सिंह आज करैरा स्थित केंद्रीय विद्यालय आईटीबीपी पहुचे।
उक्त एनसीसी अधिकारीयों का विद्यालय के प्राचार्य डॉ.दर्शन लाल मीना ने पौंधा भेटकर स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया | उक्त एनसीसी अधिकारीयों द्वारा विद्यार्थियों को एनसीसी से
संबंधित महत्वपूर्ण नियम एवं उससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी देकर प्रोत्साहित किया गया| तत्पश्चात विद्यार्थीयों का शारीरिक परीक्षण किया जाकर निर्धारित मापदण्डो के अनुसार
एनसीसी कैडेट्स के नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण की गई| इस सत्र विद्यालय में एनसीसी की इकाई में आज 17 जूनियर डिविज़न (जेडी)एवं 08 जूनियर विंग(जेडव्लू) एनसीसी कैडेट्स का नामांकन पूर्ण कर अंतिम रूप दिया गया |
विद्यालय के प्राचार्य डॉ दर्शन लाल मीणा ने विद्यार्थीयों को एनसीसी के आदर्श वाक्य “एकता एवं अनुशासन “पर प्रकाश डालते हुये बताया गया कि एनसीसी का उद्देश्य युवा नागरिकों के बीच अनुशासन, चरित्र, भाईचारे, साहसिक कार्य की भावना और निस्वार्थ सेवा की संकल्पना विकसित
करना होता है,इतना ही नहीं, इसका उद्देश्य युवाओं में नेतृत्व के गुणों को जगाना भी होता है, जो भी करियर चुनते हैं, वे राष्ट्र की सेवा करेंगे।
इसी प्रकार विद्यालय के एनसीसी इंचार्ज आलोक कुमार ओझा ने किस प्रकार एनसीसी उन्हें एक अनुशासित एवं जिम्मेदार व्यक्तित्व विकास में सहायता प्रदान कर सकता है? के बारे में विद्यार्थीयों को बताया गया |
केंद्रीय विद्यालय आईटीबीपी ,करेरा की विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं आईटीबीपी आरटीसी,करेरा के उप महा निरीक्षक सुरिंदर खत्री जी के अथक व सतत प्रयासों के चलते विद्यालय में एनसीसी प्रारंभ हुई है | विद्यालय में
एनसीसी खुलने से अभिभावकों , शिक्षको , विद्यार्थीयों एवं समस्त विद्यालय के हितधारको में ख़ुशी की लहर दौड़ी है जिसमे उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुये विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुरिंदर खत्री का आभार व्यक्त किया गया | उप महानिरीक्षक सुरिंदर खत्री द्वारा भी
विद्यालय में एनसीसी खुलने के इस महत्वपूर्ण अवसर पर विद्यार्थीयों को शुभकामनाएं व्यक्त की गईं, साथ ही एनसीसी की गतिविधियों को सुचारू रूप से विद्यालय में चलाने के लिए आइटीबीपी
की ओर से ड्रिल इंस्ट्रक्टर एवं वैपन इंस्ट्रक्टर तथा हमेशा हर संभव सहयोग एवं सहायता विद्यालय को प्रदान किए जाने का वादा किया गया।