पनघटा में श्रीमद्भागवत कथा का तीसरा दिन, बड़ी संख्या में पहुचें श्रोता भक्त
नरवर। हनुमानजी मंदिर पनघटा मगरौनी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन आज वुद्धवार को कथा व्यास श्री माधव कुमार प्रभुजी ने अजामिल उद्धार की कथा सुनाई उन्होंने बताया कि अजामिल ब्राह्मण बालक था एक बार लकड़ी लेने जंगल गया तो एक पुरुष को वेश्या के साथ असभ्य व्योहार करते देखा। इस घटना के बाद अजामिल विचलित हो जाता है, अजामिल विचार करता रहा और उसने बाद में शादीशुदा होते भी वेश्या से विवाह कर लिया पत्नी को निकाल दिया। वेश्या की मांग पूरी करने अजामिल चोरी जुआ डकैती की गतिविधियों में लग गया। लेकिन जब उसे वेश्या से दसवीं संतान होने को हुई तो उनके घर एक साधु का आगमन हुआ तो उन्होंने संतान का नाम नारायण रखने को कहा,यही नारायण नाम अजामिल के उद्धार का मार्ग बना।
माधव कुमार प्रभु ने कहा कि पापी व्यक्ति कभी नरक से डरता नही है
सत्यता को देख कर जीवन जिए तो सार्थक जीवन है यही भागवत हमे सिखाती है
इस जगत में जितने प्रकार के कष्ट हम भोगते है वह कुछ भी नही है नरक में जो कष्ट मिकते है उनके मुकाबले।
कथा के दूसरे प्रवक्ता प्रानेश्वर दास प्रभुजी ने
गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनाई। इन्होंने कहा कि
वेद कल्पव्रक्ष है तो भागवत इसका पका हुआ फल है । स्वर्ग में त्रिकूट पर्वत पर गजेंद्र रहते थे तालाब में जब पानी पीने गए तो मगरमच्छ ने पैर पकड़ लिया उन्होंने सभी से सहायता मांगी लेकिन किसी ने उनकी सहायता नही की अंत मे प्रभु ने ही गजेंद्र को मगरमच्छ से मुक्त कराया। उन्होंने यह भी कहा कि लोग स्वर्ग के सुख की बात करते है लेकिन हकीकत तो यह है कि वह भी सुख अल्प है।स्वर्ग तब तक ही रह सकते है जब तक पुण्य खत्म न हो,वापस फिर यही आना पड़ता है,मुद्गल ऋषि ने विमान आने पर भी स्वर्ग जाने का विचार त्याग दिया क्यो की वहाँ क्षणिक सुख है केवल ईस्वर धाम सर्वोपरि है।भागवत कथा का आयोजन गब्बर सिंह गुर्जर,सिरमनाम सिंह गुर्जर, शिव अवतार सिंह गुर्जर निवासी मगरौनी द्वारा किया जा रहा है,जिसमे श्रीमती माधुरी देवेंद्र सिंह बैसला डिप्टी कमांडेंट आईटीबीपी मुख्य यजमान है। कथा व्यास इस्कॉन इंदौर के प्रबंधक माधव कुमार प्रभुजी है और इस्कॉन इंदौर के उपाधयक प्रानेश्वर दास प्रभु विशेष प्रवक्ता के रूप में उपस्थित है कथा श्रवण करने काफी संख्या में महिला पुरुष आ रहे है।