अपनों के हक छीन छीन कर जब तक खायेंगे,उनके घर में कभी भूलकर राम नहीं आयेंगे।

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संगीतकार पुरुषोत्तम रावत ने कराया साहित्य संगीत का संगम


करैरा। भगवान चित्रगुप्त के मंदिर चित्रगुप्त धाम करैरा पर संगीतकार पुरुषोत्तम रावत ने एक अनूठा आयोजन किया जिसमें करैरा के समस्त साहित्यकार और संगीतकार आमंत्रित करके एक अभिनव पहल की है।
आयोजित कवि गोष्ठी में करैरा के कवियों ने कविता पाठ किया तो वहीं संगीतकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से उपस्थित जन समूह का मन मोह लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजसेवी इंजीनियर सत्यप्रकाश श्रीवास्तव अध्यक्ष कायस्थ समाज करैरा ने की और मुख्य अतिथि समाजसेवी सुरेश बंधु उपस्थित रहे ।
विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी नेता गोपाल पाल दद्दा, पार्षद संजय नीखरा,गीतकार घनश्याम दास योगी, नवल किशोर दुबे, और नरेंद्र तिवारी जनपहल न्यूज़ उपस्थित रहे ।
अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर और माँ सरस्वती का पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत की तो वहीं पुरुषोत्तम रावत और युगल किशोर शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।
गोष्ठी की सरस्वती वंदना के साथ किया।
सरस्वती वंदना और स्वागत गीत की प्रस्तुति कु. चित्रलेखा रावत, सलौनी तिवारी और गुंजन रावत के द्वारा की
गई, संगीत में सहयोग पुरुषोत्तम रावत और प्रज्ञान शर्मा ने किया ।
सरस्वती वंदना के उपरांत प्रसिद्ध गीतकार श्री घनश्याम योगी ने भोलेनाथ को समर्पित रचना सुनाई..
जहर के पिवैया, नाग लिपटैया कहलाते,
डमरू के बजैया, नृत्य ताण्डव करैया हो,
अंग अंग मरघट की भष्म तुम रमाते हो,
काशी कैलाश वासी, जोगी जगैया हो,
तत्पश्चात डा. ओमप्रकाश दुबे ने अपनी चिरपरिचित शैली में कविता पाठ किया..
संत का ही वह मन होता है
जो वासना को
उपासना में बदल देता है।
तो वहीं साहित्यकार सतीश श्रीवास्तव ने श्री राम को समर्पित कविता सुनाई..
अपनों के हक़ छीन छीन कर
जब तक खायेंगे,
उनके घर में कभी भूलकर
राम नहीं आयेंगे।
करैरा के प्रसिद्ध कवि और मंच संचालक प्रमोद गुप्ता भारती ने कविता पाठ किया..
खुद से ज्यादा जो औरों से प्यार करेगा,
मेरा कवि उसका स्वागत सत्कार करेगा।
करैरा के प्रसिद्ध रचनाकार प्रभु दयाल शर्मा राष्ट्रवादी ने शानदार गीत सुनाया..
सदियों का संघर्ष हमारा
आज फलित हो पाया है,
जहाँ राम ने जन्म लिया था
मंदिर वहीं बनाया है,
डा. राजेन्द्र गुप्ता ने बृज की होली का गीत सुनाया तो वहीं जीतेन्द्र श्रीवास्तव ने व्यंग्य रचना का पाठ किया ।
संगीतकार पुरुषोत्तम रावत और उनके साथियों ने संगीत के माध्यम से ईश्वर की आराधना की और हमेशा सहयोग बनाये रखने की अपेक्षा की ।
विशिष्ट अतिथि संजय नीखरा और इंजीनियर गोपाल पाल दद्दा ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि सुरेश बंधु ने समाज को एक नई दिशा प्रदान करने के लिए इस तरह के आयोजनों का होना जरूरी बताया ।
कार्यक्रम का संचालन प्रमोद गुप्ता भारती ने किया, आभार पुरुषोत्तम रावत ने व्यक्त किया।

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