जब जब अत्याचार बढ़ता है भगवान आते हैं..

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बगीचा में चल रही रामलीला,रावण ने मांगा अमर होने का वरदान..


करैरा। नवदुर्गा समिति बाबा का बाग करैरा द्वारा बगीचा धाम रामलीला मैदान में श्री बाल हनुमान रामलीला मंडल कला मंच वृंदावन धाम द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है ।


रामलीला मंडली के कलाकार पं. श्री राजेश शर्मा जी के निर्देशन में चल रही रामलीला के दूसरे दिन की लीला में राम जन्म, विश्वामित्र आगमन लीला का मंचन हुआ हुआ।


लंका में रावण, कुंभकर्ण और विभीषण का जन्म हुआ और इसके बाद तीनों भाइयों ने घोर तपस्या की। इस पर प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने दर्शन दिए। तीनों भाइयों ने इच्छानुसार वर मांगा। इसके पूर्व प्रभु ने कुंभकर्ण की नियत को समझकर मां

सरस्वती को कुंभकर्ण की मति घुमाने को कहा। इसके बाद कुंभकर्ण ने इंद्रासन की जगह निद्रासन मांग ली। इसे सुनकर रावण अत्यन्त दुखी हुआ और प्रभु से कुंभकर्ण द्वारा मांगे गए वरदानों में राहत देने का निवेदन किया।


इस पर छह महीने में एक दिन जागने का प्रभु ने वरदान देकर रावण की विनती को स्वीकार किया। दूसरी तरफ राजा मनु अपनी पत्नि सतरूपा के साथ जंगल में घोर तपस्या की। इस पर भगवान विष्णु प्रकट हुए और त्रेता युग में मनु और

सतरूपा के घर जन्म का वर दिया। बताया कि मेरे साथ आदि शक्ति के रूप में माता लक्ष्मी और शेषावतार लक्ष्मण होंगे।
अयोध्या में राजा दशरथ के यहां भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन जन्म लेते हैं। अयोध्यावासी खुशियां मनाते हैं। जैसे जैसे चारों बालक बड़े होते हैं उनकी बाल लीलाएं देखकर अयोध्या के निवासी प्रफुल्लित होते हैं। राम और लक्ष्मण के किशोर उम्र पर पहुंचने पर ऋषि

विश्वामित्र राक्षसों से अपने धार्मिक अनुष्ठानों की रक्षा के लिए अयोध्या जाकर राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को मांगते हैं। गुरू वशिष्ठ के समझाने पर दशरथ ऋषि के साथ भेज देते हैं। रामलीला में प्रस्तुति देख भक्त भाव विभोर हो गए।
कार्यक्रम में समिति के पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में बगीचा धाम के भक्त और दर्शक उपस्थित रहे।

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