हाथरस । उत्तर प्रदेश के हाथरस की भगदड़ में मौतों के बाद नारायण साकार हरि या साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा चर्चा में हैं. भोले बाबा का असल नाम सूरज पाल सिंह जाटव है. यूपी के एटा जिला निवासी भोले बाबा
अपने सत्संग के अलावा अजब-गजब अंदाज के चलते भी सुर्खियों में रहते हैं. बाबा किन्हीं अन्य साधु संतों की तरह गेरुआ वस्त्र धारण नहीं करते और न ही किसी भगवान की तस्वीर अपने कार्यक्रमों में लगाते. साकार
हरि अपने प्रवचनों में सफेद थ्री पीस सूट-बूट और महंगे चश्मे में दिखते हैं. बाबा के पास लगजरी कारों का काफिला है और खुद की वर्दीधारी फौज भी है. इस लंबी चौड़ी फौज को आश्रम के सेवादार कहा जाता है
खास बात यह है कि साकार हरि उर्फ भोले बाबा के साथ उनकी पत्नी भी सत्संग के मंच पर बैठती है. अनुयायियों का दावा है कि बाबा कोई भी दान-दक्षिणा या चढ़ावा आदि नहीं लेते हैं. बाबा भक्तों की सेवा सेवादार बनकर करते हैं. अपने प्रवचनों में पाखंड का विरोध करते हैं. मानव सेवा को सबसे बड़ा मानने का संदेश देते हैं।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे में दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं. हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है. पोस्टमार्टम हाउस में शवों के ढेर लगे हुए हैं. इस बीच पुलिस ने सत्संग कार्यक्रम के मुख्य
सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. हालांकि, हाथरस हादसे की FIR में नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ का नाम तक नहीं है. ये वही बाबा है जिसके कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों की जान चली गई।