मतदाताओं अब के तुम्हारा मतदान ज़रूरी है..

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करैरा साहित्यकारों ने किया मतदाताओं को जागरूक।


करैरा।स्थानीय साहित्यकारों ने मुंशी प्रेमचंद कालोनी करैरा में एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें समाजसेवी और हमेशा अपने मतदान केंद्र पर सर्वप्रथम मतदान करने वाले जागरूक मतदाता श्री सुरेश बंधु ने अध्यक्षता की ।


कवि गोष्ठी में साहित्यकार श्री चंद्रप्रकाश , वरिष्ठ गीतकार श्री घनश्याम दास योगी, प्रभु दयाल शर्मा, सतीश श्रीवास्तव, प्रतीक चौहान, प्रमोद गुप्ता भारती, डॉ. राजेन्द्र गुप्ता, रमेश चन्द्र बाजपेयी, डॉ. ओमप्रकाश दुबे , सौरभ तिवारी सरस, सुभाष पाठक जिया के साथ बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे ।


समस्त साहित्यकारों ने मां सरस्वती का पूजन किया तत्पश्चात कविताओं के माध्यम से आगामी लोकसभा चुनाव हेतु मतदाताओं को मताधिकार का उपयोग करने हेतु जागरूक करने वाली कविताएँ सुनाकर मंत्र मुग्ध कर दिया।


सर्वप्रथम गीतकार घनश्याम योगी ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की, तत्पश्चात वोटर को उसके अधिकार और हक की जानकारी देते हुए मतदान के लिए प्रेरित किया तो वही सुभाष पाठक जिया ने कुछ यूँ अपनी बात रखी-


भले बुरे सच्चे झूठे की पहचान ज़रूरी है,
अपने मत अधिकार का देखो सम्मान ज़रूरी है ।
अच्छी शिक्षा सेहत और सुरक्षा की ख़ातिर ही ,
मतदाताओं अब के तुम्हारा मतदान ज़रूरी है।
तत्पश्चात प्रमोद गुप्ता भारती ने अपनी कविताओं से जागरूक किया-


सारे कामों से पहले
बस वोट डालने जाना है ,
बिना किसी पूर्वाग्रह के
बस अपना फर्ज निभाना है ,
प्रातः काल वोट डालो
फिर घर जाकर जलपान करो ,
मतदान करो , मतदान करो I
प्रभुदयाल शर्मा ,राष्ट्रवादी ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को तालियां बजाने को मजबूर कर दिया-
देश के हित को रख सर्वोपरि,
मत जाति -पंथ पर ध्यान धरो।
नहिं दबाव, नहिं कोई प्रलोभन,
निर्भय हो मतदान करो।


डा. ओमप्रकाश दुबे ने अपनी चिरपरिचित शैली में कविता सुनाई इनके बाद प्रसिद्ध कवि प्रतीक चौहान की कविताओं को खूब सराहा गया –
है परम कर्तव्य इसका ध्यान करना
वोट के अधिकार का सम्मान करना
जाति मज़हब लोभ लालच सब भुलाकर
मित्र! अपने पक्ष में मतदान करना ।
तो वहीं सौरभ तिवारी सरस ने गोष्ठी को एक नया मोड़ दिया-
राष्ट्र का सनमान करने जाएंगे
जागरण अनुदान करने जाएंगे
देश की पहचान का,यह पर्व है
हम सभी मतदान करने जाएंगे ।।
करैरा के प्रसिद्ध होम्योपैथी चिकित्सक डा. राजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि वोट डालें भी और दूसरों को भी प्रेरित करें-


मित्र चुनें अपनी सरकार,
संविधान देता अधिकार।
अधिकारों का करें प्रयोग,
यह है एक सुखद संयोग।
जाकर घर घर अलख जगाएं,
देवें वोट और दिलवायें ।
तत्पश्चात सतीश श्रीवास्तव ने अपनी कविता सुनाई-
आने वाले मतदान दिवस में ही
निर्णय करने का प्रातःकाल है,
अपने प्रदेश अपने देश के भविष्य का सवाल है।
हम चुनेंगे अपने एक वोट से
अपना जन प्रतिनिधि,
लो आ गई है
आपके मताधिकार की तिथि ।
अपने एक वोट की कीमत पहचानिए,
वोट देने अवश्य जाएं बात मानिए।
हम बनेंगे अपने प्रदेश के
अपने देश के विकास में सहभागी
मताधिकार का हमें गर्व है,
बगैर लोभ के,निर्भय होकर
वोट अवश्य कीजिए
मतदान दिवस एक पर्व है।
श्री चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव ने मतदाताओं से सारे काम छोड़कर सबसे पहले मतदान करने का आव्हान किया।
साहित्यकार रमेश चन्द्र बाजपेयी ने अपनी कविता के माध्यम से प्रेरणा दी-
आलस न करना भइया
यह है काम महान,
सोच समझकर अबकी करना
तुम अपना मतदान।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी सुरेश बंधु ने अपने सारगर्भित उदबोधन में कहा कि मुझे जब से मत देने का अधिकार मिला है तब से आज तक हर चुनाव में सबसे पहले मतदान करने अपने मतदान केंद्र पर पहुंचता हूँ और अपने आसपास और रास्ते में जो भी लोग मिलते हैं उन्हें तुरंत मतदान केंद्र पहुंचने का आग्रह भी करता हूँ।
कार्यक्रम का सफल संचालन डा. ओमप्रकाश दुबे ने किया तो वहीं आभार प्रदर्शन सतीश श्रीवास्तव ने किया।

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