धर्म के बिना मनुष्य पशु के समान, हर जाति वर्ग के लोगों को सुनना चाहिए श्रीराम कथा -शंकराचार्य

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भिण्ड(पवन शर्मा)। जिले में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर काशी धर्मपीठाधीश्वर शंकराचार्य जी के श्री मुख से श्री रामकथा का वचन किया जायेगा।

नारायण सेवा समिति भिण्ड के अध्यक्ष अशोक शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 8 अप्रैल को भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी जिसमें 1100 महिलाएं सम्मिलित होंगी। डीजे के साथ रामधुन करते हुए कलश यात्रा अटेर रोड़ स्थित बड़े हनुमान मंदिर से प्रातः 11 बजे शुरू होगी और कथा स्थल स्वरूप विद्या निकेतन, रेलवे क्रोसिंग के पास पहुंचेगी।

स्वरूप विद्या निकेतन में 9 से 17 अप्रैल तक काशी धर्मपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ जी महाराज के श्रीमुख से श्रीराम कथा का वाचन किया जायेगा। कथा का समय दोपहर दो से 5 बजे तक का रहेगा। कथा का आयोजन नारायण सेवा समिति भिण्ड के द्वारा सभी गुरुभक्तों एवं आमजन के सहयोग से किया जा रहा है।

प्रेस को संबोधित करते हुए शंकराचार्य जी ने कहा कि मनुष्य केवल अपनी बुद्धि विवेक एवं धर्म के कारण ही संसार के समस्त जीवों से अलग है।

शंकराचार्य ने कहा कि सनातन धर्म विश्व की संपूर्ण मानव जाति की उन्नति का मूल है। समाज, राष्ट्र, राजा राज्य और प्रजा सभी की रक्षा धर्म के द्वारा ही संभव है। जहां धर्म का आदर सम्मान नहीं होगा वहां धन, पद और शिक्षित होने पर भी

मनुष्य पशुवत ही हो जाता है। धर्म ही हमको पशुता से अलग कर देता है। भौतिक शिक्षा के साथ साथ आध्यात्मिक लाभ भी हम प्राप्त करें इसके लिए स्वरूप विद्या निकेतन में श्रीराम कथा

का आयोजन रखा गया है। संसार का समस्त ज्ञान वेदों से आया है और वेदस्वरूप भगवान नारायण हैं। शंकराचार्य जी ने कहा कि हर वर्ग हर जाति के लोग कथा सुनने के अधिकारी हैं उन्होंने

कहा कि बुरे से बुरे व्यक्ति को श्री राम कथा सुनने आना चाहिए ताकि उसका मन विचार बुद्धि शुद्ध हो जाए। श्रीराम कथा मन, विचार एवं बुद्धि को शुद्ध करने वाली होती है।

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