नव वर्ष के स्वागत के साथ साहित्यकार परिवार की गोष्ठी,मनाया साथी साहित्यकार का जन्म दिवस

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करैरा। वरिष्ठ साहित्यकार प्रभुदयाल शर्मा राष्ट्रवादी के निवास पर नगर के साहित्यकारों ने गीतकार घनश्याम योगी की अध्यक्षता समाजसेवी भोगीलाल विलैया के मुख्य आतिथ्य में कवि गोष्ठी का आयोजन किया I विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी सुरेश बंधु उपस्थित रहे I
सर्वप्रथम मंचासीन अतिथियों एवं साहित्यकारों ने माँ सरस्वती एवं भगवान परसुराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पूजन किया तदुपरांत आयोजक प्रभुदयाल शर्मा राष्ट्रवादी ने सभी का पुष्पहार से स्वागत किया I
परिवार गोष्ठी की शुरुआत शशांक मिश्रा द्वारा सरस्वती वंदना के साथ किया
“माँ शुभ्रवेष वाली तुम दुर्गा तुम ही काली
आए शरण तुम्हारी वरदान दो हमें ,
बुद्धि की जड़ता दूर करो ज्ञान दो हमें “
सरस्वती वंदना के उपरांत परिवार गोष्ठी की परंपरा अनुसार केक काटकर प्रभुदयाल शर्मा राष्ट्रवादी का जन्मदिन मनाया उपरिथत सभी ने तिलक लगाकर दीर्घायु की शुभकामनाएं प्रेषित कीं I
रमेश वाजपेयी चिर परिचित शैली में काव्य पाठ किया –
हमें गर्व है उन सपूतों पर
जो देश की शान बान की
रक्षा के लिए कुर्बान हो गए ।
डॉ ओम प्रकाश दुबे ने प्रतीकात्मक रचनाओं से विशेष छाप छोड़ी देखें –
मैं तो दीपक हूं
जब जलाओ तब जल जाऊंगा
तब बुझाओ तब बुझ जाऊंगा I
शशांक मिश्रा ने सुमधुर गीत सुनाए –
जीवन से प्रेम निभाएं हम
सुख दुख दोनों अपनाएं हम I
प्रमोद गुप्ता ‘भारती’ की कविताओं को सभी ने खूब सराहा –
तारे गिनते – गिनते थक कर सो गई है जिंदगी
दुनिया के मेले में कैसी खो गई है जिंदगी I
नन्हीं बालिका हृदया की कविता सुनकर सभी ने खूब तालियां बजाईं I राष्ट्रवादी कवि प्रभुदयाल शर्मा ने नव वर्ष के स्वागत में कविता पढ़ते हुए कहा –
इस दुनिया में समरसता का नीर सदा बरसाओ
मन का कलुष मिटाकर सबको अपने गले लगाओ
ऐसा नूतन वर्ष मनाओ I
विशिष्ट अतिथि सुरेश बन्धु ने अपने उद्बोधन में युवा साहित्यकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि करैरा की साहित्य विरासत अक्षुण्य रहेगी ।
मुख्य अतिथि भोगीलाल विलैया ने काव्यात्मक शैली में नव वर्ष की शुभकामनाएं प्रेषित की एवं करैरा के साहित्य को अति समृद्धशाली मानते हुए साहित्यकारों की प्रशंसा की I
अध्यक्षीय काव्य पाठ करते हुए घनश्याम योगी ने आध्यात्मिक गीत सुनाया –
सागर के पार कैसे जाऊं री सजानियां
प्रीतम से कैसे मिल पाऊं री सजनियां।
गोष्ठी का संचालन प्रमोद भारती ने एवं आभार प्रदर्शन प्रभुदयाल शर्मा ने किया।

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