ग्वालियर।साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल से सम्बद्ध पाठक मंच थाठीपुर ईकाई एवं रमन शिक्षा समिति के के संयुक्त तत्वावधान में गत दिवस गज़लकार रामलाल साहू ‘बेकस’ की नवोदित कृति “दर्द-ए-दिल” का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राम अवध विश्वकर्मा ने की। मुख्य अतिथि डॉ सुरेश सम्राट तथा विशिष्ट अतिथि हरिओम गौतम रहे।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में मोहित ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। अतिथियों के स्वागत के साथ ही अनेक साहित्यकारों व संस्थाओं ने गज़लकार रामलाल साहू का शाल, पुष्पहार व लेखनी से सम्मान किया। डॉ मंजुुलता आर्य ने स्वागत भाषण के साथ ही कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। मंचासीन अतिथियों द्वारा पुस्तक का विमोचन किया गया।
कृतिकार रामलाल साहू ने अपने पुस्तक लेखन के अनुभव को साझा किया।
अगले चरण में “नीता सन्धि” ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि- “लेखक ने अपनी पुस्तक के माध्यम से ऐसी दुनियाँ का सपना साकार किया है, जहाँ नफ़रत न हो, प्रेम ही प्रेम हो।” द्वितीय समीक्षक “के पी सिंह राजपूत पत्थर ने कहा कि- “शायर ने अपने ह्रदय की पीर को शब्दों के मोती के रूप में गज़ल विधा में पिरोया है।”
विशिष्ट अतिथि हरिओम गौतम ने कहा कि-
“साहू जी ने अपनी पुस्तक के माध्यम से समाज का दिल बड़ा और दर्द छोटा करने का प्रयास किया है।”
मुख्य अतिथि डॉ सुरेश सम्राट ने कहा कि- “जीवन के अभावों में जो संवेदना पलती है, वो वैभव के साथ नहीं पलती।” अध्यक्ष रामअवध विश्वकर्मा ने गज़ल की बारीकियों की चर्चा की और कहा कि- “यह पुस्तक गज़ल की समस्त कसौटियों पर खरी उतरती है।”
कार्यक्रम का संचालन कादम्बरी आर्य ने किया तथा रामलखन शर्मा ने सभागार में उपस्थित साहित्यकारों का आभार प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर दिनेश विकल, डॉ लोकेश तिवारी, कमलेश कैस, अमित चितवन, प्रतिपाल राजावत, अशोक मस्तराज, संगीता खिसानिया, डॉ.कनकलता वघेल, डॉ.दीप्ति गोड, आरती अक्षत, नजीर, कृत्रिम भदौरिया, नन्दकिशोर साहू, गैडालाल, अमरसिंह यादव, सुधीर चतुर्वेदी, रामदास माहोर, प्रीति, प्रेम नारायण सिंह, जगदीश गोकलानी सहित शहर के गणमान्य नागरिक, गज़लकार, गीतकार व साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
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