नारद मोह के साथ रामलीला का मंचन शुरू।
करैरा, नवदुर्गा समिति बाबा का बाग करैरा द्वारा आयोजित 47 वे नवदुर्गा महोत्सव के अंतर्गत बगीचा धाम पर श्री दुर्गा सप्तशती पाठ, श्रीमद्भागवत का मूल पाठ, श्री रामचरितमानस नबान्ह पारायण पाठ के साथ रामलीला का आयोजन किया जा रहा है।
रामलीला का मंचन श्री बजरंग आदर्श रामलीला एवं नाटक कला मंच ओरछा धाम द्वारा किया जा रहा है जिसमें विभिन्न पात्रों के अभिनय सराहनीय हैं,प्रथम दिवस में नारद मोह की लीला देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
श्री बजरंग आदर्श रामलीला मंडल के कलाकारों ने श्री आत्माराम के निर्देशन में रामलीला का मंचन किया। पूजा-अर्चना के बाद नारद मोह लीला प्रारंभ हुई।
जिसमें दर्शाया कि नारद एक जगह भगवान के भजन में इतने लीन हो जाते हैं कि इंद्र का सिंहासन हिल जाता है। सिंहासन जाने के भय के चलते इंद्र नारद के तप को भंग करने के लिए कामदेव और अप्सरा भेजते हैं। फिर भी नारद का ध्यान भंग नहीं होता है तो कामदेव नतमस्तक हो जाते हैं और नारदजी से क्षमा मांगते है। इसकी जानकारी होने पर नारद को अभिमान हो जाता है कि उन्होंने कामदेव को जीत लिया है।
इसकी जानकारी वह एक-एक करके ब्रह्मा, महेश और विष्णु को देते हैं। अभिमान को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु ने अपनी माया से सुंदर नगर और सुंदर राजकुमारी की रचना की। जहां पहुंचकर नारद राजा के आग्रह पर उनकी बेटी विश्वमोहिनी की हस्तरेखा देखते हैं। हस्तरेखा देखकर नारद विश्वमोहिनी से विवाह करना चाहते हैं और भगवान विष्णु से हरि रूप लेकर आते हैं। जबकि हरि रूप में उन्हें बंदर का रूप दिया जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु मौके पर पहुंच जाते हैं और विश्वमोहिनी से विवाह करते हैं। यहां नारद श्राप देते हैं कि जिस प्रकार में एक स्त्री के लिए व्याकुल हुआ हूं। उसी प्रकार आपको (विष्णु भगवान) को भी एक स्त्री के वियोग में व्याकुल होना पड़ेगा। इसके साथ ही जिस बंदर का चेहरा दिया है। ऐसे बंदर ही पृथ्वीलोक पर आपकी मदद करेंगे। इसे विष्णु भगवान स्वीकार करते हैं और बताते हैं कि यह सब तो उनकी माया थी।
रामलीला के आरंभ में पूजन और आरती में नवदुर्गा समिति के सचिव सतीश श्रीवास्तव, स्वागत अध्यक्ष सुरेश बंधु, सांस्कृतिक मंत्री नंदलाल सोनी, विजय तिवारी,कोषाध्यक्ष रामेश्वर नौगरैया, राजू दुबे, आजाद समाचार संकेत के प्रधान संपादक बृजेश पाठक सहित सभी पदाधिकारी और दर्शक उपस्थित रहे ।
नवदुर्गा समिति के अध्यक्ष सुखदेव प्रसाद दुबे ने नगर एवं क्षेत्र वासियों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का आग्रह किया है।