करैरा। केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आयोजित
राष्ट्रीय एकता पर्व 2023-24 में कला महोत्सव में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में केंद्रीय विद्यालय करैरा के तीन बच्चों को प्रथम स्थान प्राप्त होकर न नेशनल के लिए चयन हुआ है । इनमे वूमेन इम्पोवरमेंट पर पेंटिंग बनाने बाली क्लास 10 की छात्रा ऋतिका तिवारी भी शामिल है इनके अलाबा आयुष्मान साहू को एकल लोक नृत्य मयंक शर्मा को स्थानीय खिलौना बनाने में प्रथम पुरस्कार मिला है। अब यह तीनों बच्चे नेशनल स्तर पर कोलकता में केंद्रीय विद्यालय करैरा व भोपाल संभाग का प्रतिनिधित्व करेगे।
बता दे कि भोपाल स्थित केंद्रीय विद्यलाय क्रमांक दो में आयोजित दो दिवासीय इस संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में केंद्रीय विद्यालय के आठ संकुलों के 398 बच्चो ने हिस्सा लिया था जिसमे केंद्रीय विद्यालय करैरा के 6 बच्चों ने हिस्सेदारी की थी।
ऋतिका तिवारी ने अपने चित्र में महिला सशक्तिकरण को सुंदर रंगो द्वारा व्यक्त किया था। ऋतिका ने अपने चित्र में एक पीड़ित और अनपढ़ लड़की को बनाया जो तरफ दुखों से घिरी हुई थी । फिर ऋतिका ने अपने चित्र में जादुई कलाकारी करते हुए इस लड़की को मां काली का मास्क पहनते हुए बनाया और इस सांकेतिक कलाकारी द्वारा यह दर्शाया कि वह लड़की अब पीड़ित और अशिक्षित नहीं है। इस नारी के सशक्तिकरण की यात्रा को दिखाने के लिए ऋतिका ने अपने चित्र में किताबें चंद्रयान उड़ते हुए सफेद कबूतर इत्यादि अनेकों सांकेतिक तत्वों का समावेश किया एवं बारीक कारीगरी में भी सकारात्मक एवं सांकेतिक तत्वों को उकेर कर अति उत्तम चित्रकार का प्रदर्शन किया ।
ऋतिका ने अपने चित्र में फिगरेटिव कंपोजिशन तो अतुलनीय किया ही था परंतु कलर कंपोजिशन द्वारा नारी सशक्तिकरण की भव्यता को स्पष्ट कर जग जाहिर कर दिया।
ऋतिका के चित्र से यह शिक्षा मिलती है कि हालात चाहे जितने भी बुरे हो, स्त्रियों को पढ़ना लिखना और आगे बढ़ते रहना चाहिए और सभी को स्त्रियों को पढ़ाना – लिखाना और आगे बढ़ते रहना चाहिए।यह पेंटिंग एक्रेलिक कलर से बनाई है और इसमें विभिन्न प्रकार के पेन का इस्तेमाल डिटेलिंग के लिए किया है।
आयुष्मान के नृत्य ने सबका दिल जीता– आयुष्मान साहू ने एकल लोक नृत्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए, स्टेज पर हरियाणा का लोक नृत्य प्रस्तुत किया और दर्शकों समेत निर्णायक मंडल की भी तालियां लूट ली। आयुष्मान साहू के नृत्य ने सभी का बहुत ही ज्यादा मनोरंजन किया दर्शकों एवं निर्णायक मंडल ने खड़े होकर तालियां बजाईं और स्टैंडिंग ऑपरेशन दिया
मयंक शर्मा ने मिट्टी से हाथी और घोड़े पर सवार योद्धाओं के युद्ध अभ्यास को अपने स्थानीय खिलौना एवं खेल में बनाया था । मयंक का खिलौना सफेद रंग की क्ले से बना हुआ था और
दिखने में ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे हाथी के दांत का बना हुआ कोई एंटीक पीस हो। मयंक का खिलौना चलाया जा सकता था क्योंकि दोनों ही खिलौने में पहिए लगे हुए थे। मयंक के खिलौने की सभी ने एक कंठ से भूरी – भूरी प्रशंसा की और सभी लोगों ने माना कि जितना तो मयंक को ही चाहिए था और जीत भी, मयंक शर्मा ही ।
नेशनल के लिए चयनित इन बच्चों को विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डीआईजी आरटीसी सुरेंदर खत्री ,विद्यलाय प्राचार्य दर्शनलाल मीणा ने बधाई दी है।