तुलसी जयंती पर “कवि गोष्ठी” सम्पन्न

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सामूहिक रूप से सुना आकाशवाणी पर कवि गोष्ठी का प्रसारण।


करैरा। करैरा के समस्त साहित्यकारों ने गोस्वामी तुलसीदास जी को उनकी जयंती पर याद करते हुए प्रकृति की गोद में बैठकर कवि गोष्ठी का आयोजन किया।
सबसे पहले सभी ने आकाशवाणी शिवपुरी से प्रसारित कवि गोष्ठी को सुना और सराहना की जिसमें सौरभ तिवारी, डॉ. संजय शाक्य, डॉ. राजेन्द्र गुप्ता और प्रमोद गुप्ता भारती ने कविता पाठ किया।
तत्पश्चात समाजसेवी सुरेश बन्धु की अध्यक्षता में कवि गोष्ठी की शुरुआत की गई जिसमें साहित्यकार एवम होम्योपैथी के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. राजेन्द्र गुप्ता के श्रृंगार गीत प्रस्तुत किया..
बन सको कागद अगर तो
मैं कलम बन जाऊंगा ।
पूर्णता दें, प्रेम की
पंक्तियां लिख पाऊँगा ।।
कविता ने सभी का मन मोह लिया ।
कवि श्री प्रभु दयाल शर्माजी ने अपने काव्यपाठ से सबका मन मोह लिया……..
यहां कोई नहीं तुम्हारा है
यहां कोई नहीं हमारा है
है सांस तभी तक आश यहां
दुनिया का यही नजारा है.
इसके बाद कवि सौरभ तिवारी (वनविभाग) ने कविता पाठ करते हुए कहा-
कभी विरह तो,कभी खुशी में
अन्तरघट , छलकाया है ।।
खुशी वेदना,मिलन जुदाई
नीर बिंदु , संग लाया है ।।
जिसका जितना ज्ञान है उसने
उतना , अर्थ लगाया है ।।
आँसू तेरी ,परिभाषा को
समझ कोई , ना पाया है।।
श्री सतीश श्रीवास्तव ने अतिथियों का अभिनंदन करते हुए अपनी रचना प्रस्तुत की..
छोटा भाई भरत सा बड़ा बने ज्यों राम,
तुलसी ने समझा दिया अपन अपना काम।
इस अवसर पर प्रमोद गुप्ता भारती ने अपनी कविता से सभी का मन मोह लिया-
सब रिस्तों से बढ़कर है
भाई भाई का नाता,
भाई भाई का प्रेम हमेशा
अमर प्रेम कहलाता।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी सुरेश बन्धु ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना करके हमारे समाज में संस्कारों स्थापित किया है, रामचरित का एक एक शब्द हमारे जीवन में अत्यंत उपयोगी है और जीवन जीने की कला और प्रतिष्ठा देने वाला है।
कार्यक्रम का संचालन प्रमोद गुप्ता भारती ने किया आभार साहित्यकार सतीश श्रीवास्तव ने व्यक्त किया।

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