समाजसेवी भोगीलाल विलैया के जन्मदिन पर आयोजित की परिवार गोष्ठी.

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साहित्यकारों ने किया कविता पाठ.


करैरा, स्थानीय सूर्यम प्लाजा गणेश चौक करैरा पर वरिष्ठ समाजसेवी भोगीलाल विलैया के जन्मदिन पर कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में करैरा एसडीएम दिनेश चन्द्र शुक्ला एवं गहोई वैश्य पंचायत ललितपुर के जिलाध्यक्ष रामनिवास मोदी उपस्थित रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता सीताराम गेडा़ सेवानिवृत्त

नापतौल अधिकारी के द्वारा की गई,साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार गीतकार घनश्याम योगी, धर्मचंद जैन पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वरैया समाज एवं वरिष्ठ समाज सेवी,गहोई महासभा के नगर अध्यक्ष द्वारका प्रसाद नीखरा सहित करैरा के समस्त साहित्यकार उपस्थित रहे.कार्यक्रम के आरंभ में उपस्थित अतिथियों और साहित्यकारों द्वारा माँ वीणापाणी का पूजन किया गया।दीप प्रज्वलित किया गया।सभी साहित्यकारों ने समाजसेवी भोगीलाल विलैया का जन्मदिन केक काटकर मनाया।


कवि सम्मेलन की शुरूआत देश के प्रसिद्ध कवि प्रतीक चौहान के सुमधुर कंठ से सरस्वती वंदना के साथ हुई-
“शब्द शब्द हो सुमन सरीखा,
गायन बहते पवन सरीखा।
मैया मन देवालय कर दे । “
वेदप्रकाश दुबे के हास्य व्यंग्य को श्रोताओं ने खूब सराहना की ।
तत्पश्चात कवितापाठ की अद्भुत शैली में साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश दुबेजी ने अपना जोरदार काव्यपाठ कर गोष्ठी को ऊँचाइयाँ प्रदान की-


“जिस देश में कबीर की वाणी हो जिस देश में विवेकानंद जैसा विवेक हो
देश में शबरी जैसा सब्र। हो
जिस देश में मीरा जैसी कृष्ण भक्ति हो
देश में गंगा जमुना सरस्वती हो
हम उस देश के वासी हैं हम उस देश के वासी हैं…. श्री रमेश चन्द्र वाजपेयी ने अपनी कविताओं से गोष्ठी को एक नया मोड़ दिया. ।
बरिष्ठ साहित्यकार एवम शिक्षाविद श्री प्रभुदयाल शर्मा ‘राष्ट्रवादी’ ने रचना –
चीन किसी का मीत नहीं है
उसे किसी से प्रीति नहीं है
फेंकता वह कर्जे का जाल
फंसे वह हो जाता बेहाल
जहर वह घोल रहा है
ये सैनिक बोल रहा है ।।
प्रस्तुत कर माहौल में ऊर्जा और जोश का संचार कर दिया।
करैरा नगर के ऊर्जावान एवं ओजस्वी और एक साथ दस पुस्तकों के सृजन कर करैरा को मान देने वाले कवि श्री प्रमोद गुप्ता’भारती’ की रचना पिता को खूब सराहना मिली…
सूरज के उगने से पहले बिस्तर छोड़ें पापा
पल पल छिन छिन दौड़ भाग कर
सपने जोड़ें पापा I


पिता के श्री चरणों में चारों धाम का पुण्य मिला है.
कविता को सदन ने तालियों से सराहा और गोष्ठि को सर्वोच्चता प्रदान की।
बरिष्ठ साहित्यकार श्री सतीश श्रीवास्तव ने पिता कविता के साथ ही कविता सुनाई…
“मानवता का भाव देखने आओ मेरे करैरा में,
प्रेम और सद्भाव देखने आओ मेरे करैरा में। “
सौरभ तिवारी, विनोद कुशवाह, डा. राजेन्द्र गुप्ता, डा. नारायण दास आर्य डेंटिस्ट के कविता पाठ के बाद कवि सम्मेलन के अंत में जन्मदिन के दोहे और गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
“कैसे गाऊँ गीत मीत मैं आज वसंत बहार का,
सुनना चाहो सुनो याद है गीत मुझे पतझार का. “
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि धर्मचंद जैन ने अपने भावुक उद्बोधन सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया । संजय नीखरा ने साहित्यिक आयोजनों की प्रशंसा की तो मुख्य अतिथि करैरा एसडीएम दिनेश चन्द्र शुक्ला ने गीता के श्लोक के माध्यम से समाजसेवी भोगीलाल विलैया के सेवाभाव की प्रशंसा की
वरिष्ठ समाजसेवी श्री भोगीलाल विलैया साहित्यकार बंधुओं की प्रसंशा की और कहा कि समाज में इस प्रकार के आयोजन निश्चित रूप से अच्छे संदेश प्रसारित करते हैं., कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे द्वारका प्रसाद नीखरा ने आयोजक साहित्यकार परिवार की प्रसंशा की और सफल आयोजन की बधाई दी…कार्यक्रम का सफल संचालन कवि श्री सौरभ तिवारी द्वारा किया गया।
अंत मे उपस्थित समस्त अतिथियों साहित्यकारों एवं श्रोताओं का आभार विकास गुप्ता ने व्यक्त किया गया।

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