करैरा। तहसील करैरा के ग्राम कारोठा निवासी कृषक कदम सिंह पुत्र रामदास जाटव के पट्टा को 13 वर्ष के बाद पुनः खसरा में दर्ज किया गया है।
ग्राम कारोठा निवासी कृषक कदम सिंह को 3 बीघा कृषि भूमि का पट्टा वर्ष 2002 में प्रदान किया गया था।
कृषक का नाम वर्ष 2010 तक राजस्व खसरे में उल्लेखित रहा। लेकिन राजस्व अभिलेखों के कम्प्यूटराइजेशन के दौरान किसी तकनीकी कारण से खसरे से नाम छूट गया। कृषक कदम सिंह उसको आवंटित कृषि भूमि में खेती का कार्य करता रहा। वर्ष 2019 में उसे यह ज्ञात हुआ कि उसका नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं है।
उसने इसे दर्ज करने हेतु तहसील करैरा में आवेदन किया। लेकिन उसके पास पट्टे के संबंध में कोई अभिलेख नहीं थे, जिसके तहत वह अभिलेख प्रस्तुत नही कर सका था और उसके प्रकरण के निराकरण में देरी हो रही थी। उसने सीएम हेल्पलाइन 181 में अपनी शिकायत दर्ज करवाई।
कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने अभी इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत इसके तत्काल निराकरण हेतु अनुविभागीय अधिकारी करेरा को आदेश दिये। अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा इस प्रकरण में आवश्यक अभिलेखों को प्रकरण में एक सप्ताह में शोध कर संलग्न करवाया।
इसके पश्चात कदमसिंह के पट्टे को राजस्व अभिलेखों में पुनः दर्ज करने के आदेश 9 मई को किये है। आवेदक कदम सिंह के द्वारा भी अपनी शिकायत को संतुष्टि से बंद करवा दी है। अब 13 वर्षों के लंबे अंतराल के पश्चात कदम सिंह पुनः उसको पट्टे में प्राप्त भूमि के खसरा की नकल ले सकेगा।