संत कबीर आश्रम पर हुई काव्य गोष्ठी

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साहित्यकारों द्वारा सत्संग भवन का उद्घाटन भी किया गया


करैरा। स्थानीय कबीर आश्रम पर शासकीय महाविद्यालय करैरा में पदस्थ प्रो.डा. देवेंद्र कुमार कोली के संयोजन में एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया,आयोजन एवं पधारे हुए कवियों,समाज सेवियों,साहित्यकारों द्वारा सत्संग भवन का उद्घाटन भी किया गया.
करैरा के प्राचीन गणेश मंदिर के समीप नवनिर्मित संत कबीर आश्रम पर एक शानदार कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी सुरेश बंधु उपस्थित रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता करैरा के वरिष्ठ गीतकार घनश्याम दास योगी
द्वारा की गई,साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप साहित्यकार सतीश श्रीवास्तव, प्रभु दयाल शर्मा, होम्योपैथी चिकित्सक डा. राजेन्द्र गुप्ता, सौरभ तिवारी, रमेश वाजपेयी सहित करैरा के समस्त साहित्यकार उपस्थित रहे.कार्यक्रम के आरंभ में उपस्थित अतिथियों और साहित्यकारों द्वारा संत कबीर का पूजन किया गया तथा दीप प्रज्वलित किया गया।
तत्पश्चात कोली समाज के पदाधिकारियों ने सभी साहित्यकारों का स्वागत किया तथा श्रीफल भेंट करते हुए सम्मान किया।


कवि गोष्ठी के आरंभ में डा. देवेंद्र कुमार कोली ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए संत कबीर साहेब आश्रम की स्थापना की जानकारी दी गई.
डॉ. राजेन्द्र गुप्ता ने सरस्वती वंदना के साथ कवि गोष्ठी की शुरुआत की.
श्री रमेश चन्द्र वाजपेयी ने अपनी कविता सूरज कभी बीमार नहीं होता से गोष्ठी को एक नया मोड़ दिया.
बरिष्ठ साहित्यकार एवम शिक्षाविद श्री प्रभुदयाल शर्मा ‘राष्ट्रवादी’ ने कबीर के जीवन दर्शन पर अपने विचार रखे साथ ही अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, उन्होंने कविताओं को प्रस्तुत कर माहौल में ऊर्जा और जोश का संचार कर दिया।
साहित्यकार सतीश श्रीवास्तव की कविता को सदन ने तालियों से सराहा और गोष्ठी को सर्वोच्चता प्रदान की।
“जीवन पथ पर अनजाने में कितने पाप का बोझा ढोया,
गंगा कितना धो पायेगी जब तक मन का मैल न धोया।”
साहित्यकार श्री सौरभ तिवारी ‘सरस’ ने शानदार मुक्तक प्रस्तुत किये-
कोई पर्ची भी ,मेरे नाम की नहीं निकली
दिले सकून के ,पैगाम की नहीं निकली
भरी पड़ी है हथेली ,मेरी लकीरों से
कोई लकीर मेरे काम की ,नहीं निकली।
डा. राजेन्द्र गुप्ता की कविताओं को खूब सराहना मिली तत्पश्चात वरिष्ठ गीतकार घनश्याम दास योगी ने अपनी कविताओं को संत कबीर को समर्पित करते हुए कविता पाठ किया।
“सागर के पार कैसे जाऊँ री सजनियां,
प्रीतम से कैसे मिल पाऊँ री सजनियां।”
बरिष्ठ गीतकार आदरणीय घनश्याम योगी जी ने संत कबीर के लेखक पर दोहे, एवं गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी श्री सुरेश बंधु ने आयोजन की प्रसंशा की और कहा कि समाज में इस प्रकार के आयोजन निश्चित रूप से अच्छे संदेश प्रसारित करते हैं.,।
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे डॉ देवेंद्र कुमार शेरसे (अध्यक्ष) ,श्री जयप्रकाश मेहोरिया (उपाध्यक्ष) , श्री रामदास दीवान(समन्वयक), श्री हरिशरण भागोरिया सह लेखा परीक्षक ,श्री ब्रजमोहन बडोनिया जी(कोषाध्यक्ष) ,श्री संतोष हिंडोरिया जी (म.प्र.पु,श्री हरिशंकर कोली असिस्टेंट कमांडेंट,श्री सतीश भागोरिया जी उप सचिव ,श्री जगदीश प्रसाद भागोरिया,श्री परमसुख सेकेट्री जी(उपाध्यक्ष) ,श्री गोपालदास सनोरिया(महामंत्री),डॉ ज्ञानेंद्र बाजोरिया, .श्रीमती गीता बाजोरिया अध्यक्ष म.मोर्चा , डॉ श्री आशाराम भागोरिया(संरक्षक),श्री बाबूलाल बडोनिया ,श्री मानसिंह शाक्य ,श्री एस सी कोहली,श्रीमती यामनी कोहली महामंत्री ,श्री संतोष भागोरिया उपा.युवा मो.,श्री विवेक भागोरिया सचिव युवा मो,श्री ओमप्रकाश कोली,श्री हरप्रसाद नेता जी ,श्री अशोक चंदेनिया,,श्री बलराम कोली,श्री सुरेश कोली,,श्री अनिल नागर,डॉ धर्मदास सचिव,श्री दयाराम धामी,श्री राकेश बडोनिया,श्री मुकेश भागोरिया,श्रीमती सरोज कोली,श्रीमती सीमा गंगोलिया,श्रीमती रानी कोली एवं बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन कवि श्री सौरभ तिवारी द्वारा किया गया।
अंत मे उपस्थित समस्त अतिथियों साहित्यकारों एवं श्रोताओं के आभार डॉ. देवेंद्र कुमार कोली द्वारा किया गया।


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