मिडिल प्राइमरी बोर्ड परीक्षा बनाने में जनपद शिक्षा केंद्र की मनमानी,बीईओ बोले मुझे अंधेरे में रखा

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करेरा। जनपद शिक्षा केन्द्र करेरा अंतर्गत मिडिल और प्राइमरी बोर्ड परीक्षा के लिए बनाए गए परीक्षा केंद्रों में जनपद शिक्षा केन्द्र के जिम्मेदारों ने जमकर मनमानी की है। परीक्षा केंद्र बंनाने के लिए जिन मानकों को माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड परीक्षाओं में लागू कर परीक्षा केंद्र बनाए गए थे उन मानकों को मिडिल और प्राइमरी परीक्षा के लिए बनाए गए केंद्रों में जनपद शिक्षा केन्द्र के जिम्मेदारों ने दरकिनार कर दिया।

इतना ही नही विकास खंड शिक्षा अधिकारी से जब इस मामले में बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें सेंटर बनाने की प्रक्रिया से अलग रखा गया उनके पास तो सेंटर की सूची हस्ताक्षर के लिए आई लेकिन कल परीक्षा करानी थी इस लिए जन्हें सूची पर मजबूरन हस्ताक्षर करना पड़े उन्होंने भी माना कि सेंटर बनाने में नियमो की अनदेखी की गई है कल परीक्षा शुरू हो जाए फिर देखते है क्या संशोधन करना है।
जिस स्कूल में सेंटर वही उस स्कूल के बच्चे देंगे परीक्षा
करैरा बीआरसीसी कार्यालय से परीक्षा केंद्रों की जो सूची जारी की गई है उसमें कुछ परीक्षा केंद्र ऐसे है जहां उसी स्कूल के बच्चे भी पेपर देंगे जिस स्कूल में सेंटर है जबकि ऐसा होता नही है बोर्ड परीक्षा में स्कूल बदल दिया जाता है लेकिन यहां अधिकतर सेंटरो में उसी स्कूल के बच्चे बैठाए गए है ऐसा करने के पीछे चर्चाए तो बहुत है लेनदेन की बात भी परीक्षा केंद्र बनाने में सामने आ रही है ऐसा सूत्र बताते है।
नेशनल हाइवे पर बना दिया परीक्षा केंद्र घटना हुई तो कौन होगा जिम्मेदार
बनाए गए परीक्षा केंद्रों में बच्चों की सुरक्षा का भी ध्यान नही रखा गया है।नेशनल हाईवे किनारे के स्कूलों को भी परीक्षा केंद्र बना दिया है छोटे छोटे बच्चे हाइवे से गुजरने बाले तेज रफ्तार वाहनों से असुरक्षित रहेंगे इसमें एक स्कूल तो ऐसा भी है जिसमे हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा का सेंटर केवल हाइवे पर होने के चलते रद्द कर दिया था लेकिन जनपद शिक्षा केन्द्र के जिम्मेदारों की इस पर खास मेहरवानी हुई की इसे भी परीक्षा केंद्र बना दिया जहां बच्चों का जाना खतरे से खाली नही है।
5 से 6 km तक दूर बनाया परीक्षा केंद्र
जब बनाए गए परीक्षा केंद्रों के बारे में बीआरसीसी विनोद तिवारी से बात जानकारी ली कि जिन स्कूलों में सेंटर वहां उसी स्कूल के बच्चों को पेपर कैसे दिलाए जा सकते है यो उनका कहना था कि ऐसा कोई नियम नही है,और बच्चे छोटे है। यदि बच्चे छोटे है तो फिर उन स्कूलो के बच्चों का क्या कसूर जिनका परीक्षा केंद्र 5 से 6 किमी दूर कर दिया गया है। अमोला व करेरा कस्बे के कई स्कूल है जिनका सेंटर हाइवे पर 5 से6 km दूर स्कूल में किया गया है जबकि खेराघाट में संचालित एक निजी स्कूल की बिल्डिंग में पर्याप्त जगह थी सेंटर बनाने,यहां हाल ही में हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा का सेंटर भी था उसे क्यो नही बनाया साबल यह भी है। ग्रामीण अंचल में भी कई परीक्षा केंद्र ऐसे बनाए गए है जिनकी दूरी 5 km दूर है।
इनका कहना है
कल पेपर कराना है इस लिए मजबूरी में लिस्ट जारी करना पड़ी,सेंटर बनाने की जानकारी हमे आखिरी में दी गई हमे अंधेरे में रख कर सब हुआ है -सीबीएस सोलंकी BEO करेरा

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