करेरा। लंबे समय और संघर्ष के बाद करेरा व नरवर के उन 32 गाँवो को करेरा अभ्यारण(सोन चिरैया अभ्यारण) के दंश से मुक्ति मिल गई।अभ्यारण को समाप्त करने का गजट नोटिफिकेशन आज जारी भी हो गया।
करेरा अभ्यारण की सीमा 202.21 वर्ग किलोमीटर में फैला था लेकिन इसमें राजस्व या वन विभाग की जमीन न होकर किसानों की जमीन थी। अभ्यारण के रहते किसानों की निजी इस जमीन खरीद बिक्री पर रोक लगी थी जिसकी रजिस्ट्री नही हो पा रही थी।लगभग 4 दशक से किसान यहां इस खरीद बिक्री पर रोक होने से परेशान थे।हालात तो यहां तक खराब थे कि यहां युवाओ की शादियां तक एक समय मे रुक गई थी। अभ्यारण क्षेत्र में सोन चिरैया न होने से किसान इसे समाप्त करने की मांग लंबे समय से कर रहे थे।लेकिन इस पर कोई सुनबाई नही हो रही थी किसानों ने आंदोलन की राह भी पकड़ी,नेताओ ने अभ्यारण को समाप्त करने के नाम पर सरकार बनाई।
कुछ माहीने पहले भी क्षेत्र के किसानों ने किसान नेत्री कृष्णा रावत के नेतृत्व में फिर आंदोलन किया था यह तक की महिला नेत्री और किसानों ने अपने सिर का मुंडन भी कराया था।
आज गजट नोटिफिकेशन की प्रति आने के बाद से क्षेत्र के किसानों में अभ्यारण समाप्ति के बाद हर्ष की लहर है क्यो का अपनी जमीन के मालिकाना हक अब सही मायने में उन्हें मिलेगा।