शिवपुरी।जिला मजिस्ट्रेट श्री अक्षय कुमार सिंह ने त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय के आम निर्वाचन को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान संपन्न कराये जाने हेतु म.प्र. सम्पत्ति विरूपण अधिनियम 1994 के अंतर्गत आवश्यक निर्देश जारी किए है। जिसमें स्वामी की लिखित अनुमति के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही, खडिया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित कर विरूपित करने पर जुर्माने से दण्डनीय होगा। जो एक हजार रुपये तक का होगा।
जारी आदेश के तहत मध्यप्रदेश संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 3 में स्पष्ट उल्लेख है कि इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई सभी अपराध संज्ञेय होगा। संपत्ति के अंतर्गत कोई भवन, झोपड़ी, संरचना, दीवार, वृक्ष, खम्बा (पोस्ट) स्तंभ (खंबा) या कोई अन्य परिनिर्माण शामिल होगा। इसी संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भी दिशा-निर्देश प्रसारित किये गये है जिसके तहत किसी भी शासकीय परिसर, भवन, दीवार, पानी की टंकी आदि पर लिखावट, पोस्ट चिपकाना, कट-आउट, बैनर, होर्डिग लगाने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी या विज्ञापन कम्पनियों दवारा किसी भी शासकीय, अशासकीय सम्पत्ति को संबंधित विभाग या भवन स्वामी की अनुमति के बिना विरुपित किया जाता है तो संबंधित विभाग एवं भवन स्वामी के द्वारा संपत्ति विरूपण हेतु थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) भारतीय दण्ड प्रक्रिया की धारा 188 एवं सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत दर्ज करायी जाए।
शासकीय विरुपित सम्पत्ति को पुनः मूल स्वरूप में लाने हेतु जिला अन्तर्गत सभी नगर पालिका, सभी जनपद क्षेत्र अंतर्गत अधिकारियों का दल भी गठित किया गया है। जिसमें संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी, संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), संबंधित सी.ई.ओ. जनपद पंचायत एवं चार कर्मचारी, संबंधित मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं चार कर्मचारी और एक वाहन, बी.एस.एन.एल. के क्षेत्रीय एसडीओ, म.प्र.वि.वि.कं. के क्षेत्रीय सहायक यंत्री, पी.डबल्यू.डी. के सहायक यंत्री/ उपयंत्री एवं चार कर्मचारी, आरईएस का उपयंत्री सहित 4 कर्मचारी, क्षेत्रीय थाना प्रभारी, संबंधित ग्राम पंचायत सचिव, संबंधित पटवारी शामिल है।
गठित दल तत्काल अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर अधिनियम अनुसार कार्यवाही प्रारंभ करेगा।
संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी संबंधित कार्यवाही हेतु पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे। सम्पत्ति को मूल स्वरूप में लाने हेतु व्यय की वसूली दोषी व्यक्ति से भू-राजस्व की बकाया के रूप में की जाए। साथ ही संबंधित पुलिस थाने में संबंधित विभाग द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) भी दर्ज करायी जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पत्ति को मूल स्वरूप में लाने हेतु व्यय की प्रतिपूर्ति पंचायत सचिव द्वारा पंचायत सचिव द्वारा पंचायत निधि का राशि से की जाएगी तथा ग्रामीण क्षेत्र सम्पत्ति विरूपण निवारण हेतु मूल दायित्व थाना प्रभारी, पटवारी, पंचायत सचिव का होगा। संबंधित विभाग अथवा दल द्वारा मूल स्वरूप में लाई गई शासकीय एवं अशासकीय सम्पत्ति का विवरण प्रतिदिन रिटर्निंग अधिकारी व अपर जिला मजिस्ट्रेट शिवपुरी को प्रेषित किया जाए। जिससे जानकारी निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक को प्रेषित की जा सके।